भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान के जनक (Father Of Indian Constitution) भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी हैं। डॉ भीमराव अम्बेडकर ने ही भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया था। हालाँकि कुछ लोगो में थोड़ा भ्रम भी है, कुछ लोग मानते हैं कि भीमराव अम्बेडकर जी ने ही भारतीय संविधान लिखा है, जबकि उन्होंने संविधान को लिखा नहीं बल्कि उन्होंने केवल उसका मसौदा तैयार किया था, संविधान को लिखने वाले कोई दूसरे व्यक्ति थे।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Bhimrao Ambedkar) जी जो कि एक बैरिस्टर थे और उनके पास 32 डिग्रीयां थीं। वो एक बहुत विद्वान व्यक्ति थे। डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने ही विश्व के कई देशों के संविधान पर शोध करके भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया। लगभग 10 देशो के संविधान पर शोध करके उन्होंने भारत के संविधान को तैयार किया। डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए भारत रत्न के सम्मान से सुशोभित किया। हालाँकि भारत रत्न का यह सम्मान उनको बहुत समय बाद 1990 में मरणोपरांत दिया गया, जो कि हालाँकि बहुत पहले ही दे दिया जाना चाहिए था।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर का प्रारंभिक नाम भीमराव रामजी सकपाल था। इनके पिताजी का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाभाई था। इनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश की महू नगर छावनी में हुआ था क्योंकि इनके पिता भारतीय ब्रिटिश आर्मी में महू छावनी में तैनात थे। इनका परिवार मूलरूप से मराठी था। मूलरूप से ये वर्तमान महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के आम्बडवे गाँव के निवासी थे।
इनके मूल निवास क्षेत्र कोंकण में मूल उपनाम की जगह गाँव के नाम को ही उपनाम के तरह प्रयोग किया जाता था अतः इनका नाम भी भीमराव आम्बडवेकर लिखवाया गया। बाद में इनके एक शिक्षक ने इनका नाम भीमराव आंबेडकर कर दिया था और तब से इनका नाम भीमराव आंबेडकर हो गया। नीची जाति सम्बन्ध रखने के कारण इनको छुआछूत के कारण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन इन्होने अपनी शिक्षा को जारी रखा। ये एक बहुत ही मेधावी छात्र थे।
आगे चलकर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद इनका नाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर हो गया। इनको बाबासाहब की उपाधि भी दी गयी। ये आज़ाद भारत के प्रथम न्याय एवं विधि मंत्री बने। भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए इनको भारतीय संविधान का जनक (Father Of Indian Constitution) भी कहा जाता है।
बहुत समय तक बीमार रहने के बाद 6 दिसंबर 1956 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर का निधन हो गया।
भारतीय संविधान के कुछ ऐसे तथ्य हैं जिन पर हम लोग बहुत कम ध्यान देते हैं। आज भारतीय संविधान के इन्हीं अनछुए पहलुओं को जानते हैं।
कुछ लोगों में कन्फ्यूजन है कि भारतीय संविधान को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने ही लिखा है जो कि गलत है। भारतीय संविधान के लेखक प्रेम विहारी नारायण रायजादा हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने प्रेम विहारी नारायण रायजादा को संविधान लिखने के लिए चुना क्योंकि ये बहुत अच्छे सुलेखक थे। इनकी लिखावट भी बहुत सुन्दर थी। प्रेम विहारी नारायण रायज़ादा ने देश के संविधान को लिखने के लिए सिर्फ 1 रूपये की फीस ली।
संविधान के लेखक प्रेम विहारी नारायण रायज़ादा से जब देश के प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकी फीस पूछी तो उन्होंने पैसा लेने के मना कर दिया और कहा कि आप फीस के रूप में मुझे सिर्फ एक रुपया ही दे दें परन्तु संविधान लिखने की मेरी एक शर्त है कि संविधान के हर पेज पर मेरा नाम आना चाहिए और संविधान के आखिरी पेज पर मेरा और मेरे दादा जी का नाम आना चाहिए। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकी ये शर्त मान ली और संविधान के हर पेज पर नीचे की तरफ प्रेम लिखा होता है जो कि शार्ट में प्रेम नारायण विहारी रायज़ादा का ही नाम है।
भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसके अंदर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा शब्द लिखे गए हैं। भारतीय संविधान में में 146385 शब्द शामिल किये गए हैं अर्थात इतने शब्दों से मिलकर हमारा संविधान बना है। वहीँ अगर दुनिया के बाकी देशो के संविधान की बात करें जो कि लिखित संविधान हैं उनमे भारत के जितने शब्द किसी भी संविधान में नहीं है। कुछ देशों के संविधान में शामिल किये गए शब्दों की संख्या इस प्रकार है:
अमेरिका – 7762 शब्द
ब्रिटेन – 548 शब्द
चीन – 10960 शब्द
रूस – 12908 शब्द
पंडित जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि संविधान को अंग्रेजी भाषा और इटालिक (Italic) फॉन्ट में लिखा जाये इसलिए उनकी इच्छा के अनुसार भारत के संविधान की मूल प्रति अंग्रेजी भाषा और इटैलिक फॉण्ट में ही लिखा गया है। इसको लिखने ने 6 महीने का समय लगा।
भारत के संविधान को लिखते हुए कुल शब्दों की संख्या 146358 तक हो गयी थी। संविधान को फाउंटेन पेन से लिखा गया था। फाउंटेन पेन में निब प्रयोग होती थी जो कि प्रयोग करते करते धीरे धीरे घिस जाती थी और एक निब के घिस जाने पर दूसरी निब बदलकर पेन को फिर प्रयोग किया जा सकता था। भारतीय संविधान (Indian constitution) को लिखने में फाउंटेन पेन की कुल 432 निब प्रयोग हुईं।
भारतीय संविधान के तैयार हो जाने के बाद उस पर उस समय के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के हस्ताक्षा होने थे, जिसमे कि सबसे ऊपर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने थे क्योंकि राष्ट्रपति ही देश के प्रथम व्यक्ति होते हैं और वो ही देश के सर्वोच्च संवैधानिक व्यक्ति होते हैं अतः सबसे पहले हस्ताक्षर राष्ट्रपति के ही होने थे। राष्ट्रपति के पहुँचने से पहले, उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू वहां पहुँच गए और जहाँ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने थे उस जगह पर अपने हस्ताक्षर कर दिए। ऊपर जहाँ राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने थे वहां जगह नहीं बचने के कारण राष्ट्रपति के हस्ताक्षर संविधान पर तिरछे करवाने पड़े।
भारतीय संविधान को बनाने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने और 17 दिन का समय लगा। वहीँ भारतीय संविधान को लिखने में लगभग 6 महीने का समय लगा। भारत के संविधान को बनाने में इतना समय इसलिए क्योंकि इसको बनाने से पहले बहुत सारे देशो के संविधान को पढ़कर सबकी विशेषताओं का आंकलन किया गया, इन सभी देशों के संविधान को पढ़ने एवं उनके आंकलन करने में भी काफी समय लगा।
भारतीय संविधान कई देशो के संविधान से प्रेरित है। ऐसे लगभग 10 देश हैं जिनसे भारत का संविधान प्रेरित है। उन देशों के नाम हैं –
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Ans – भारतीय संविधान के लेखक प्रेम विहारी नारायण रायजादा हैं।
Ans – भारत के संविधान की मूल प्रति अंग्रेजी भाषा और इटैलिक फॉण्ट (Italic Font) में लिखा गया है।
Ans – भारतीय संविधान में में 146385 शब्द शामिल किये गए हैं अर्थात इतने शब्दों से मिलकर हमारा संविधान बना है।
Ans – भारतीय संविधान को लिखने ने 6 महीने का समय लगा।
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