दोस्तों इस लेख में CSC Bank Mitra के बारे में पूरी जानकारी हम आपके लिए लेकर आये हैं। पिछले कुछ समय में भारत में टेक्नोलॉजी और इंटरनेट आदि का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ा है। जिससे देश में बहुत बड़ा आमूल चूल परिवर्तन आया है। टेक्नोलॉजी के साथ ही देश में विकास के नए आयाम लिखे गए हैं। जिसकी वजह से भारत में बहुत से परिवर्तन आये हैं। इन्हीं सब परिवर्तनों के बीच वित्तीय सेवाओं के मुद्दे पर भी बहुत बड़ा फर्क आया है। वित्तीय सेवाओं के जमीनी स्तर पर वितरण पर भी बहुत प्रभाव पड़ा है। जमीनी स्तर पर वित्तीय सेवाओं का वितरण देश में जनता के गरीबी के स्तर पर भी प्रभाव डालता है।
जमीनी स्तर तक वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) (FI) सेवाओं के वितरण पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। परिणामस्वरूप, विकासशील देशों में कई केंद्रीय बैंकों और सरकारों के लिए वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) FI को प्राप्त करना एक सामान्य लक्ष्य बन गया।
भारत में इसमें, बड़ा परिवर्तन 26 अप्रैल, 2010 को आया, जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) FI जनादेश के हिस्से के रूप में सामान्य सेवा केंद्रों (Common Service Centers – CSCs) के माध्यम से वित्तीय सेवाओं के वितरण के लिए बैंकों को दिशानिर्देश जारी किए।
वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए अपने वार्षिक नीति वक्तव्य में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को व्यवसाय प्रतिनिधियों (Business Correspondents – BCs) के रूप में कंपनियों {भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Company – NBFC) को छोड़कर} को संलग्न करने की अनुमति दी। व्यक्तियों/संस्थाओं के अलावा जिन्हें पहले अनुमति दी गई थी। इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों को कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों/ग्राम स्तर के उद्यमियों को व्यवसाय प्रतिनिधि (Business Correspondents – BCs) के रूप में नियुक्त करने की अनुमति दी।
इसके अलावा, 15 फरवरी, 2011 एक और ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि इस दिन स्वाभिमान योजना औपचारिक रूप से शुरू की गई थी।। इस योजना का उद्देश्य “सभी नागरिकों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना” है। इसके अलावा, भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग (Department Of Financial Services) ने बैंकों को सीएससी (CSCs) को व्यवसाय प्रतिनिधि (Business Correspondents) के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया। इन पहलों के साथ-साथ कुछ अन्य संबंधित घटनाक्रमों ने देश के वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) एजेंडे को गति प्रदान की।
वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) सीएससी (CSCs) पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का एक अनिवार्य घटक है, जिसमें बैंक सेवा से वंचित लोगों के लिए बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (Department Of Electronics And Information Technology – DEITY), संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार, डिजिटल इंडिया पहल के हिस्से के रूप में देश भर में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) योजना लागू कर रहा है। योजना का लक्ष्य ग्रामीण समुदायों को ई-गवर्नेंस सेवाओं से लाभान्वित करने के लिए दीर्घकालिक डिजिटल पहुंच प्रदान करना है। सीएससी योजना भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का एक रणनीतिक स्तंभ है।
मार्च 2015 तक, 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करते हुए देश भर में 1.44 लाख से अधिक सीएससी स्थापित किए गए थे। एक सिंगल सीएससी पांच से छह गांवों को सेवा प्रदान करता है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से सीएससी की स्थापना की जा रही है। सीएससी द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में जन्म, मृत्यु, जाति, आय, अधिवास प्रमाण पत्र, नरेगा सेवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, बैंकिंग और बीमा सेवाएं, ई-लर्निंग/डिजिटल साक्षरता और टेलीमेडिसिन शामिल हैं।
यह योजना सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करके की जा रही है। केंद्र सरकार, राज्य नामित एजेंसी (एसडीए), सेवा केंद्र एजेंसी (एससीए), सेवा प्रदाता (एसपी), बैंक और ग्रामीण स्तर के उद्यमी परियोजना के प्रमुख हितधारकों (वीएलई) में से हैं।
देश के वित्तीय समावेशन (FI) एजेंडे के महत्व और सीएससी नेटवर्क की भूमिका को देखते हुए, विभिन्न बैंकों ने सीएससी के माध्यम से वित्तीय सेवाओं के वितरण में तेजी लाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया। कार्यशाला के आयोजन का लक्ष्य सभी हितधारकों को एक मंच पर एक साथ लाना है ताकि स्थिति, सफलता की कहानियां (जमीनी स्तर पर वीएलई और एससीए से), वित्तीय सेवाएं देने में अंतराल, और आगे की राह और डिलिवरेबल्स को परिभाषित किया जा सके।
सीएससी बैंक मित्र, भारत का सबसे बड़ा बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (Business Correspondent) नेटवर्क है, जिसने 28 राज्यों में ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष जोर देते हुए 8500+ कियोस्क (ग्राहक सेवा बिंदु: एक स्थानीय उद्यमी द्वारा बुनियादी बैंकिंग सेवाओं की सुविधा के लिए संचालित एक प्रकार की सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम कियोस्क) की स्थापना की है। सीएससी बैंक मित्र ग्रामीण बैंक रहित लोगों को उत्कृष्ट बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। यह एक अच्छी तरह से विकसित इन-हाउस आईटी आर्किटेक्चर, एकीकृत एमआईएस और योग्य मानव संसाधनों के उपयोग के साथ संभव है।
यह तंत्र पूरे देश में बेहतर फंड प्रबंधन प्रणाली और सुचारू संचालन प्रदान करता है, साथ ही निरंतर निगरानी और बहुत तेज शिकायत समाधान तंत्र के साथ प्रारंभिक सहायता प्रदान करता है, जो देश की वित्तीय समावेशन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त ताकत प्रदान करता है। सभी ग्राहक सेवा केंद्र (Customer Service Point – CSP) या कियोस्क कर्मियों को ग्राहक नामांकन और सेवा वितरण में सुधार के लिए कंप्यूटर प्रशिक्षण और नकद प्रबंधन प्रणाली प्रशिक्षण प्राप्त होता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है और परिणामस्वरूप, सीएससी बैंक मित्र का समग्र सेवा प्रदर्शन।
Csc Bank Mitra मूलतः किसी भी बैंक के एक कमीशन एजेंट के रूप में कार्य करता है। बैंक मित्र का वेतन और कमीशन विभिन्न बैंको के हिसाब से अलग अलग तय किया गया है। फिर भी इनको प्रतिमाह 2000 से 5000 तक का वेतन और उसके साथ उनके प्रदर्शन या किसी भी महीने में इनके द्वारा किये गए कुल काम के हिसाब से गणना करके कमीशन दिया जाता है।
औसत के हिसाब से एक बैंक मित्र प्रतिमाह 25000 – 3000 हजार रूपये की कमाई कर सकता है। बैंक मित्र को अलग अलग कार्यों के लिए अलग अलग कमीशन दिया जाता है। जैसे नया बैंक खाता खोलने पर या कॅश ट्रांसक्शन करने पर दोनों ही कार्यो के लिए दिए जाने वाले कमीशन की दर भी अलग अलग है।
CSC और बैंक मित्र जैसी योजनाओं और सुविधाओं के जरिये सरकार बैंकिंग सेवाओं से वंचित क्षेत्रों और लोगों तक वित्तीय और बैंकिंग सेवाओं की सुगम पहुँच को सुनिश्चित करना है। ऐसे क्षेत्र जहाँ काफी दूर तक बैंकिंग सेवाओं का आभाव है, वहां पर उस गैप को Village Level Entrepreneurs (VLEs) द्वारा इस कमी को दूर करना और लोगों को वित्तीय सेवाएं आसानी से उपलब्ध कराई जाएँ। इसी उद्देश्य को लेकर इनकी नियुक्ति की गयी है। Bank Mitra के रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित steps को फॉलो किया जा सकता है।
Step 1 : bankmitra.csccloud.in/ पर जाएं और वीएलई पंजीकरण पर क्लिक करें। Step 2: लॉगिन करने के लिए सीएससी आईडी और पासवर्ड दर्ज करें। Step 3: नए उपयोगकर्ता का चयन करें। Step 4: प्रारंभिक विवरण प्रपत्र आपके विवरण के साथ स्वत: भर जाता है। Step 5: व्यक्तिगत विवरण जैसे नाम, लिंग, वैवाहिक स्थिति आदि दर्ज करें। Step 6 : बीसी केंद्र विवरण दर्ज करें - राज्य, जिला, उप जिला, गांव, पिनकोड, अक्षांश, देशांतर, आदि। Step 7: निकटतम बैंक विवरण दर्ज करें - निकटतम बैंक का नाम, शाखा, IFSC कोड, आदि Step 8: आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और दर्ज करें - पहचान का प्रमाण (पीओआई), पते का प्रमाण (पीओए), उच्चतम शैक्षणिक योग्यता की प्रति, पैन कार्ड, आदि। Step 9: हार्डवेयर विवरण दर्ज करें: कंप्यूटर प्रकार, कनेक्टिविटी प्रकार, नेटवर्क सेवा प्रदाता, फ़िंगरप्रिंट डिवाइस विवरण, आदि Step 10: अन्य विवरण दर्ज करें जैसे कि बीसी परिसर का प्रकार, जनशक्ति की उपलब्धता, रोजगार की स्थिति आदि। Step 11: जमा करने से पहले सभी विवरणों की समीक्षा करें सफलतापूर्वक जमा करने के बाद, आगे की प्रक्रिया के लिए संदर्भ के रूप में 11 अंकों की पंजीकरण संख्या दिखाई देगी। प्रदान की गई जानकारी के सत्यापन के लिए जिला प्रबंधक बीसी केंद्र का दौरा करेंगे।
बैंक मित्र किसी भी बैंक के साथ मिलकर, बैंक के एक एजेंट के रूप में कार्य करता है। जो कि आम लोगो तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाते हैं।
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Ans – 1. CSC बैंक मित्र बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 10वीं कक्षा पास होना अनिवर्य है।
2. कंप्यूटर की बुनियादी जानकारी (Basic Knowledge) भी होनी चाहिए।
3. स्थानीय भाषा बोलने, लिखने एवं पढ़ने का ज्ञान भी होना चाहिए।
4. अंग्रेजी भाषा का बुनियादी ज्ञान होना भी जरुरी है।
Ans – 1. आवेदक का पहचान और पता प्रमाण पत्र
2. आवेदक का सेविंग बैंक अकाउंट कैंसिल चेक
3. फोटो
4. पैन कार्ड की फोटो कॉपी
5. आवेदक की शैक्षिक प्रमाण पत्र
Ans – Csc Bank Mitra मूलतः किसी भी बैंक के एक कमीशन एजेंट के रूप में कार्य करता है। बैंक मित्र का वेतन और कमीशन विभिन्न बैंको के हिसाब से अलग अलग तय किया गया है। फिर भी इनको प्रतिमाह 2000 से 5000 तक का वेतन और उसके साथ उनके प्रदर्शन या किसी भी महीने में इनके द्वारा किये गए कुल काम के हिसाब से गणना करके कमीशन दिया जाता है।
औसत के हिसाब से एक बैंक मित्र प्रतिमाह 25000 – 3000 हजार रूपये की कमाई कर सकता है। बैंक मित्र को अलग अलग कार्यों के लिए अलग अलग कमीशन दिया जाता है। जैसे नया बैंक खाता खोलने पर या कॅश ट्रांसक्शन करने पर दोनों ही कार्यो के लिए दिए जाने वाले कमीशन की दर भी अलग अलग है।
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Very nice
daily padh liya karo posts